यजुर्वेदाचार्य ज्योतिषीय आशुतोष द्विवेदी (आशु गुरु )
यजुर्वेदाचार्य ज्योतिषीय आशुतोष द्विवेदी (आशु गुरु ) जी की धार्मिक अनुष्ठानों में रूची उनके बाल्यकाल से ही थी पंडित जी को समस्त प्रकार के अनुष्ठानों का प्रयोगात्मक ज्ञान एवं संपूर्ण विधि विधान की जानकारी महर्षि सांदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान से प्राप्त हुई 7 वर्षों तक वेद विद्या का गहन अध्ययन कर वाराणसी में ज्योतिष शास्त्र का भी अध्ययन किया। गुरु जी के द्वारा 50,000 से ऊपर पूजा करवाई गई है।
विवाह में देरी, परिवार में अनबन, व्यर्थ के उलझनों में समय का बर्बाद होना, किसी शुभ संकल्प का पूर्ण न होना। पंडित जी से संपर्क करें और अपनी समस्याओं पर चर्चा करें, निश्चित रूप से आपकी कुंडली से आपकी समस्त समस्याओं का समाधान दिया जाएगा
About Pandit Ji
विवाह में देरी, परिवार में अनबन, व्यर्थ के उलझनों में समय का बर्बाद होना, किसी शुभ संकल्प का पूर्ण न होना। पंडित जी से संपर्क करें और अपनी समस्याओं पर चर्चा करें, निश्चित रूप से आपकी कुंडली से आपकी समस्त समस्याओं का समाधान दिया जाएगा यजुर्वेदाचार्य ज्योतिषीय आशुतोष द्विवेदी (आशु गुरु ) जी की धार्मिक अनुष्ठानों में रूची उनके बाल्यकाल से ही थी पंडित जी को समस्त प्रकार के अनुष्ठानों का प्रयोगात्मक ज्ञान एवं संपूर्ण विधि विधान की जानकारी महर्षि सांदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान से प्राप्त हुई 10 वर्षों तक वेद विद्या का गहन अध्ययन कर वाराणसी में ज्योतिष शास्त्र का भी अध्ययन किया बाल्यकाल से ही पंडित जी के पिताजी द्वारा पंडित जी को पौराणिक ज्ञान प्राप्त हुआ वर्तमान में यजुर्वेदाचार्य ज्योतिषीय आशुतोष द्विवेदी (आशु गुरु ) संपूर्ण कर्मकांड एवं ज्योतिष विद्या के अध्ययन के उपरांत भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन वैदिक अनुष्ठानों में पंडित आशुतोष द्विवेदी आचार्य की उपाधि से विभूषित हैं एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओं के निवारण के कार्यों को करते हुए 7 वर्षों से भी अधिक समय हो गया है हमारे इस मनुष्य जीवन में नवग्रहों के द्वारा जो शुभाशुभ फल घटित होता है उस जीवन को बताते हुए आपकी जन्म पत्रिका के अनुसार आपके जीवन में समस्त परेशानियों को दूर करने हेतु सर्वश्रेष्ठ उचित ग्रहों के शुभाशुभ फल के अनुसार पूजन संपन्न कराकर यजमान को पूजन के द्वारा लाभान्वित किया जाता है जीवन में होने वाली समस्त बाधाओं का निवारण संपूर्ण विधि से पूजन करने के अनुसार फल प्राप्त होता है। गुरु जी के द्वारा 50,000 से ऊपर पूजा करवाई गई है।
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